माखन चोर नन्द किशोर बांधी, जिसने प्रीत की डोर, हरे कृष्ण हरे मुरारी पूजती जिन्हें, दुनिया सारी, आओ उनके गुण गाएं सब मिल के, जन्माष्टमी मनाये |